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उत्तर- दक्षिण से लेकर पूरब- पश्चिम तक विपक्ष को लगा झटका

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नई दिल्ली। राहुल गाँधी के इस्तीफा देने की बात से अजब-गजब संकट से जूझ रही कांग्रेस सरकार, अभूतपूर्व संकट से राजस्थान और कांग्रेस में संघर्ष, पश्छिम बंगाल की बात करे तो ममता के सामने अपनी सरकार को टिकाये रखना कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होगी। सूत्रों की माने तो कर्नाटक में भी किसानो का कर्ज़ा माफ़ करने वाली सरकार भी भारी संकट से जूझ रही है। लोकसभा चुनाव 2019 के बाद उत्तर- दक्षिण से लेकर पूरब- पक्षिम तक विपक्ष सरकार को लगातार एक के बाद एक झटका ।

पायलट और गेहलोत के बीच सियासी उठक-पटक

उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को सीएम बनाने की मांग उठने लगी है, जिससे राजस्थान में सियासी रस्साकशी के बीच अब राजस्थान कांग्रेस कमिटी के सचिव सुशील आसोपा ने सचिन पायलट का सीएम पद के लिए समर्थन करते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की है।
‘राजस्थान में कहीं भी चले जाओ, एक ही आवाज आती है, कांग्रेस अगर सचिन पायलट को 5 साल की मेहनत के प्रतिफल में मुख्यमंत्री बनाती तो आज राजस्थान में लोकसभा चुनाव के परिणाम कुछ और ही होते। लोग कहते हैं कि पायलट की 5 साल तक की मेहनत के कारण ही वह माहौल बना जिससे कांग्रेस के विधायक जीते क्योंकि युवाओं को लगता था कि इस बार पायलट को मौका मिलेगा।’

कांग्रेस खुद अपनी सरकार को गिराने पर तुली है ”जल्द ही अल्पमत में ”: भवानी सिंह राजावत

राजस्थान बीजेपी के उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा ने कहा, ‘मैं पार्टी का आधिकारिक प्रवक्ता नहीं हूं लेकिन मैंने सुना है कि यहां के बीएसपी विधायक खुश नहीं हैं और यहां तक की कांग्रेस के 20-25 विधायक भी नाखुश हैं। मैं इस मामले में कुछ टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं।’
इसके अलावा बीजेपी नेता भवानी सिंह राजावत ने कहा, ‘कांग्रेस की राज्य में जो स्थिति हैं, उसमें हमें ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कांग्रेस खुद अपनी सरकार गिराने पर तुली है। मुझे लगता है कि अगर इसी तरह कांग्रेस में इस्तीफों का दौर जारी रहा तो कांग्रेस अल्पमत में आ जाएगी और सरकार खुद गिर जाएगी।’

मुख्यमंत्री गहलोत को राहुल ने बुलाया अपने निवास पर

इससे पहले सोमवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पार्टी अध्यक्ष से मिलने पहुंचे पर उन्होंने मुलाकात से इनकार कर दिया। पार्टी सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने अपने आवास पर सोमवार सुबह 11 बजे गहलोत को मिलने का समय दिया था। प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों एवं विधायकों ने मांग की है कि इस चुनावी शिकस्त के लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए। ऐसे में इस बात की चर्चा गर्म है कि राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि राहुल के मना करने के बाद गहलोत ने वेणुगोपाल और पार्टी नेता अहमद पटेल से मुलाकात की।

कमलनाथ फँसे धर्मसंकट में ‘आगे बीजेपी तो पीछे सिंधिया’

मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इस बीच एक ऑडियो ने कमलनाथ की मुश्किलों में इजाफा किया है। हमारे सहयोगी टाइम्स नाउ के मुताबिक लोकसभा चुनाव से पहले के इस ऑडियो में हवाला के जरिए पैसों के कथित लेन-देन और सरकारी अफसरों को धमकाने की बात सामने आ रही है। ऑडियो की शुरुआत में चुनाव जीतने के लिए अफसरों को कथित रूप से धमकाया जा रहा है।

कर्नाटक में ग्रहों की ग्रहचाल

कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी की अगुआई वाली जेडीएस-कांग्रेस सरकार की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। कांग्रेस ने असंतुष्ट पार्टी विधायकों को मंत्री बनाने का प्लान तैयार किया था लेकिन अब यह भी कारगर होता नहीं दिख रहा है। लगातार बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच सीएम कुमारस्वामी ने असंतुष्ट विधायकों (मुख्य रूप से कांग्रेस) से निजी तौर पर मुलाकात की। दोनों सहयोगी दलों के बीच दरार पड़ने की खबरों के बीच अपने किले को बचाने के लिए दिल्ली से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और राज्य के प्रभारी केसी वेणुगोपाल को बेंगलुरु भेजा गया है। इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने राज्य में फिर से चुनाव कराए जाने की मांग की है।

ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को बड़ा झटका

पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को बड़ा झटका देने के बाद बीजेपी ने मंगलवार को फिर सेंध लगाई। टीएमसी के दो विधायक और 50 के करीब पार्षद बीजेपी में शामिल हुए हैं। दिल्ली में इन नेताओं ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। 2017 में बीजेपी में शामिल हुए टीएमसी के पूर्व दिग्गज नेता मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय समेत तीन विधायक पार्टी में शामिल हुए हैं। एक विधायक वामपंथी दल सीपीएम का है। शुभ्रांशु रॉय बीजपुर से विधायक हैं। उनके अलावा विष्णुपुर से टीएमसी के विधायक तुषार कांति भट्टाचार्य, हेमताबाद से सीपीएम के विधायक देवेंद्र रॉय ने भी पार्टी की सदस्यता ली।

टीएमसी को अभी और झटके देने बाकी है : महासचिव कैलाश विजयवर्गीय

विधायकों और पार्षदों को बीजेपी में शामिल कराते हुए पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने टीएमसी को अभी और झटके देने की बात कही। विजयवर्गीय ने कहा कि यह अभी पहला चरण ही है, जिस तरह से चुनाव 7 चरणों में हुए थे, उसी तरह से 7 राउंड में बीजेपी में भी नेताओं को शामिल किया जाएगा। ऐसे में टीएमसी के लिए आने वाले दिन आसान नहीं रहेंगे। राज्य में 2021 में विधानसभा चुनाव होना है। इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर 40.3 है जो कि टीएमसी के 43.3 से सिर्फ 3 फीसदी कम है। 2014 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले बीजेपी के वोटों में 23 फीसदी का इजाफा हुआ है।

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