
लखनऊ। हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में गुजरात एटीएस ने सूरत से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है। तो वहीं यूपी पुलिस ने बताया है की मौलाना अनवारुल हक की इस मामले में गिरफ्तारी नहीं हुई है। और इससे पहले जानकारी मिली थी की मौलाना को नगीना में गिरफ्तार किया गया है। वही मौलाना ने वर्ष 2016 में कमलेश का सिर कलम किया था और उस पर 51 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
गुजरात एटीएस ने तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया
उधर इस हत्याकांड में गुजरात कनेक्शन की बात सामने आ रही है। गुजरात एटीएस ने सूरत से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है। सूरत क्राइम ब्रांच की मदद से गुजरात एटीएस ने कार्रवाई को अंजाम दिया है। बताया जा रहा है कि एटीएस ने राशिद, मोहसिन और फजल नाम के तीन संदिग्धों को पकड़ा है और उनसे अभी पूछताछ की जा रही है। बता दें कि कमलेश तिवारी मर्डर के बाद घटनास्थल से एक मिठाई का डिब्बा मिला था, जिस पर सूरत की एक दुकान का नाम छपा था।
जल्द ही हत्याकांड में होंगे अहम खुलासे
यूपी पुलिस भी गुजरात एटीएस के लगातार संपर्क में है। यूपी पुलिस के मुताबिक जल्द ही हत्याकांड में अहम खुलासे हो सकते हैं। एडीजी बरेली जोन अविनाश चंद्रा ने साफ किया है कि इस मामले में मौलाना अनवारुल हक की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उनका कहना है कि अभी पुलिस की छानबीन चल रही है। बिजनौर के रहने वाले नईम नाम के एक शख्स को हिरासत में लिए जाने की खबर है। बताया जा रहा है कि नजीबाबाद पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है।
स्पेशल टास्क फोर्स की भी ली जारही है मदद : डीजीपी
यूपी के डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि पुलिस को सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर कुछ अहम सुराग मिले हैं। पुलिस को कुछ कॉल डीटेल्स भी हाथ लगे हैं। मामले की पड़ताल के लिए पुलिस की कई टीमें बनाई गई हैं। साथ ही स्पेशल टास्क फोर्स की भी मदद ली जा रही है। बिजनौर के नगीना में आशियाना कॉलोनी से मौलाना अनवारुल की गिरफ्तारी हुई है। कमलेश की पत्नी किरण की तहरीर पर इस मामले में मुफ्ती नईम काजमी, अनवारुल हक समेत एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। किरण का आरोप है कि काजमी और हक ने वर्ष 2016 में कमलेश का सिर कलम करने पर 51 लाख और 1.5 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था। इन्हीं लोगों ने साजिश कर उनके पति की हत्या कराई है।
आतंकी संगठन आईएसआईएस की हिट लिस्ट में थे कमलेश तिवारी
कमलेश तिवारी आतंकी संगठन आईएसआईएस की हिट लिस्ट में थे। यह खुलासा गुजरात एटीएस द्वारा 25 अक्टूबर 2017 को सूरत से गिरफ्तार किए गए संदिग्ध उबेद अहमद मिर्जा और मोहम्मद कासिम स्टिंबरवाला से पूछताछ में हुआ था। 20 अप्रैल 2018 को गुजरात एटीएस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट के मुताबिक उबेद ने अपने दो साथियों को कमलेश तिवारी के विवादित बयान वाला विडियो दिखाते हुए कहा था कि हम लोगों को इसकी हत्या करनी है। यूपी पुलिस और खुफिया एजेंसियों को शक है कि हत्या का गुजरात और आतंकी कनेक्शन भी हो सकता है। इसके अलावा 13 अक्टूबर, 2019 को कमलेश तिवारी ने गुजरात एटीएस द्वारा पकड़े गए दो आईएस संदिग्धों से जुड़ी खबर को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया था। इसमें संदिग्धों से हुई पूछताछ का हवाला देते हुए उन्होंने अपनी जान को खतरा बताया था और यह भी कहा था कि केंद्र और राज्य सरकार उन्हें इतनी बड़ी साजिश का खुलासा होने के बाद भी सुरक्षा नहीं दे रही हैं। जिन लोगों ने कमलेश की हत्या की, वे उनकी जान पहचान के बताए जाते हैं। वारदात से पहले उन लोगों ने उसके साथ करीब आधा घंटा गुजारा था। डीजीपी सिंह ने बताया कि कमलेश को पिछले कई महीनों से सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही थी। घटना के समय एक सुरक्षाकर्मी कमलेश के घर के नीचे तैनात था जिसने हत्यारों को रोका और कमलेश से पूछ कर ही उन्हें घर के अंदर जाने दिया। हो सकता है कि हत्यारों ने फर्जी नामों का इस्तेमाल किया हो।