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कश्मीर पर फिर बोले ट्रंप, पाकिस्तान ने ट्रंप की इस पेशकश का किया स्वागत

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Mandatory Credit: Photo by Alex Brandon/AP/Shutterstock (10286167g) President Donald Trump speaks during a ceremony to commemorate the 75th anniversary of D-Day at The Normandy American Cemetery, in Colleville-sur-Mer, Normandy, France D-Day 75 Years, Colleville-sur-Mer, France - 06 Jun 2019

इंटरनेशनल डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत के इतने कड़े विरोध करने के बाद भी फिर से घुमा-फिराकर कश्मीर पर मध्यस्थता की बात को दोहराहां है। ।डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि यह पूरी तरह से भारत और पाकिस्तान पर निर्भर करता है कि वह कश्मीर मामले का हल निकालने के लिए किसी की मदद लेना चाहते हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि अगर दोनों दक्षिण एशियाई दशकों पुराने मामले को निपटाने के लिए उनकी मदद लेना चाहते हैं तो वह तैयार हैं। बता दें कि भारत पिछले हफ्ते ही अमेरिका को दो टूक शब्दों में बता चुका है कि कश्मीर विवाद द्विपक्षीय मामला है, जिसमें मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है।
ट्रंप ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के साथ पिछले हफ्ते हुई मुलाकात का हवाला देते हुए कहा कि इस मसले पर दोनों देशों के बीच बात हुई है। जहां पाकिस्तान ने ट्रंप की इस पेशकश का स्वागत किया है, वहीं भारत ने इसे सिरे से नकार दिया है।

ट्रंप ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के साथ पिछले हफ्ते हुई मुलाकात का हवाला देते हुए कहा कि इस मसले पर दोनों देशों के बीच बात हुई है। जहां पाकिस्तान ने ट्रंप की इस पेशकश का स्वागत किया है, वहीं भारत ने इसे सिरे से नकार दिया है।

मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रंप से भारत द्वारा कश्मीर पर मध्यस्थता के प्रस्ताव को ठुकराने पर सवाल पूछा गया, इस पर उन्होंने कहा, ‘यह पूरी तरह पीएम मोदी का फैसला होगा (कश्मीर पर मध्यस्थता को स्वीकार करना है या नहीं)।’

इस इौरान ट्रंप ने कहा, ‘मुझे लगता है कि पीएम मोदी और पीएम इमरान शानदार व्यक्ति हैं। मैं चाहता हूं कि दोनों एक साथ अच्छा काम करेंगे। लेकिन अगर वे अपनी मदद के लिए किसी की मध्यस्थता चाहते हैं तो।।। और मैंने पीएम इमरान से इस बारे में बात की है। मैंने खुले तौर पर इस बारे में भारत से भी बात की है।’

ट्रंप ने कहा कि कश्मीर का मुद्दा काफी लंबे समय ये चल रहा है। ट्रंप से पूछा गया कि वह कश्मीर का मुद्दा कैसे हल करेंगे तो उन्होंने कहा, ‘यदि मैं कर सकता हूं, यदि दोनों देश चाहें तो मैं इस मामले पर मध्यस्थता करूंगा।’

प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस

बता दें कि पिछले हफ्ते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने भारत को अपने बयान से सकते में डाल दिया था। ट्रंप ने कहा था कि कि मोदी दो हफ्ते पहले उनके साथ थे और उन्होंने कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी। ट्रंप ने यह भी कहा कि मुझे लगता है कि भारत हल चाहता है और पाकिस्तान भी। यह मसला 70 साल से चल रहा है। मुझे इसमें मध्यस्थता करने पर खुशी होगी।

भारत और अमेरिका बीच हुई अनबन

इसके तुरंत बाद भारत ने इस बयान को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि मोदी और ट्रंप के बीच कश्मीर के मुद्दे पर कभी बात नहीं हुई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा था कि पीएम मोदी ने कभी भी ट्रंप से कश्मीर मुद्दे पर बात नहीं की। इसके साथ ही भारत ने अमेरिका को दो टूक शब्दों में बता दिया था कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मामला है और इस पर मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है। इसका हल शिमला और लाहौर समझौते के दायरे में ही ढूंढा जाएगा।

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