

चंडीगढ़। किसानों के प्रदर्शन में अब एक और अध्याय जुड़ गया है, लोग समर्थन में पुरुस्कार वापस कर रहे हैं। किसान आंदोलन के समर्थन में पंजाब प्रदेश के पद्म पुरस्कार से सम्मानित हस्तियों ने अपना सम्मान लौटाना शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत गुरुवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल तथा अकाली दल से बागी राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा ने कर दी है। इस बीच पंजाब के कांग्रेस विधायक एवं पूर्व हॉकी खिलाड़ी परगट सिंह ने भी सात दिसम्बर को पद्मश्री लौटाने का ऐलान किया है।
राष्ट्रपति को लिखे पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री बादल ने कहा कि हरित क्रांति और श्वेत क्रांति में पंजाब की भूमिका अहम रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कोरोना काल में कृषि कानून लागू कर दिए गए लेकिन जिन किसानों के लिए यह कानून बनाए गए हैं, उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया। कानून बनाने से पहले किसान संगठनों के साथ बातचीत की जानी चाहिए थी। बादल ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से पूरे देश के किसान आंदोलन की राह पर हैं। इसके बावजूद केंद्र सरकार इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है। यह कानून लागू होने से पंजाब की किसानी पूरी तरह से तबाह हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मेरी वचनबद्धता पंजाब की जनता के साथ है जिन्होंने मुझे मुख्यमंत्री के पद तक पहुंचाया।
बादल ने कहा कि पद्म विभूषण जैसे सम्मान तभी शोभा देते हैं जब पंजाब की जनता खुश और खुशहाल हो। पंजाब के लोग आज परेशान हैं। उनकी सुनवाई कोई नहीं कर रहा है। राज्य के 70 फीसदी लोग खेती तथा इससे जुड़े सहायक धंधों के साथ सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह भी पेशे से किसान हैं और कड़ाके की ठंड में उनके साथी सड़कों पर हों, यह उनसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों के हित में तथा कृषि कानूनों के विरोध में वह अपना पद्म विभूषण लौटाते हैं।
इसी दौरान अकाली दल से अलग होकर शिरोमणि अकाली दल बनाने वाले राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा ने भी गुरुवार को पद्म भूषण सम्मान लौटाने का ऐलान किया। सांसद ढींडसा को यह सम्मान वर्ष 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दिया गया था। सांसद ढींडसा ने भी यह सम्मान लौटने के पीछे कृषि कानूनों को ही मुख्य आधार बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने किसानों की जायज मांगों को नहीं माना है। इसकी वह कड़ी निंदा करते हुए अपना सम्मान लौटाते हैं। इस बीच पंजाब के विधायक एवं पूर्व हॉकी खिलाड़ी परगट सिंह के अलावा कई अन्य खिलाड़ियों ने भी आने वाले दिनों में अपना सम्मान लौटाने का फैसला किया है। वहीं किसानों और सरकार के साथ लम्बी वार्ता का दौर जारी है।