

आगरा। नए कृषि बिल के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन में अभी तक कोई हल नही निकलने पर भाजपा ने नए कृषि बिल के फायदे किसानों को बताने के लिए किसान सम्मेलन की शुरुआत की है। आगरा में किसान सम्मेलन भाजपा आगरा के जिलाध्यक्ष गिर्राज सिंह कुशवाह के संयोजन में गोगाजी गार्डन पथौली पर संपन्न हुआ। जिसमें मुख्य वक्ता केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल सिंह गुर्ज्जर ने किसानों को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि नए कृषि बिल 2020 के पारित होने के बाद विपक्षी दलों ने जिस तरह से चंद किसानों को गुमराह किया है, वो शर्मनाक है। जब ये सरकार में थे तो किसानों की कोई परवाह नही की। अब प्रधानमंत्री ने किसानों की भलाई के कदम उठाए हैं, तो वो किसानों को बरगला रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब से केंद्र में मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार आई है किसानों को बहुत फायदा हुआ है। पहले यूरिया खाद की कालाबाजारी होती थी जिसको मोदी सरकार ने यूरिया पर कोटिंग करके कालाबाजारी पर रोक लगाई। किसान के हित के लिए हमेशा ही मोदी सोचते हैं किसान को छोटी-छोटी जरूरतों के लिए किसी से उधार न लेना पड़े, इसके लिए मोदी सरकार ने किसानों को ₹6000 किसान सम्मान निधि दी।

किसानों की फसल का मूल्य किसान के हिसाब से मिले इसके लिए लंबे समय से किसानों की मांग चली आ रही थी। सन 2000 में बनी शंकर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि किसान अपनी फसल का मूल्य खुद निर्धारित करें। कांग्रेस ने भी अपने घोषणा पत्र में इसका समर्थन किया था। 20 साल से चली आ रही इस मांग को आज जब मोदी जी ने पूरा किया है तो यही कांग्रेस की सरकार अपने वायदे से यूटर्न लेकर चंद किसानों को बरगलाने का काम कर रही है।
मोदी सरकार किसानों की हितेषी
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के हित के पुराने रास्ते बन्द न करते हुए किसानों की तरक्की के नए रास्ते खोले हैं। किसान अपनी फसल को अब कहीं भी बेच सकता है, अपनी फसल का किसी से भी पूर्व में सौदा कर सकता है और जब चाहे व्यापारी से अपना एग्रीमेंट समाप्त कर सकता है। नये बिल में व्यापारी को यह हक नहीं होगा कि वह किसान का पूरा भुगतान किए बगैर अनुबंध समाप्त कर दे। विपक्षी पार्टी नहीं चाहती इस देश का किसान खुशहाल रहे। जिस दिन देश का किसान खुशहाल हो जाएगा कोई कांग्रेस का नाम तक नहीं लेगा। कांग्रेस द्वारा प्रायोजित यह कैसा किसान आंदोलन है जिसमें खालिद ,भिंडरावाले के पोस्टर लगाए जा रहे हैं, दंगा फसाद करने वालों की रिहाई की बात की जा रही है, “मोदी तेरा इंदिरा जैसा हाल होगा” जैसे नारे लगाए जा रहे हैं। यह किसान आंदोलन देश विरोधी लोगों के हाथों में चला गया है। उन्होंने कहा कांग्रेस के राज में गेहूं, धान की खरीद ही एमएसपी पर होती थी, लेकिन आज मोदी जी के राज में बाजरा, ज्वार, मक्का, दलहन आदि की भी खरीद एमएसपी पर होती है।
उन्होंने कहा 2009 से 2014 तक की यूपीए सरकार ने एमएसपी पर जो खरीद की है वह मोदी जी के समय में दोगुनी मात्रा में किसानों से खरीद की गई है। मोदी जी ने गरीब किसान के लिए अपना खजाना खोला है। केंद्रीय मंत्री ने बताया यूपीए की सरकार में गेहूं की एमएसपी 1310 रुपये थी जो मोदी सरकार में 1868 रुपये हुई, धान की एमएसपी 1380 रुपए थी जो मोदी सरकार में 1975 रुपए हो गई। यूपीए की सरकार ने 2009 से 14 तक केवल 1.5 लाख करोड़ रुपए की गेहूं खरीद की जो मोदी सरकार में बढ़कर तीन लाख करोड़ रुपए की की गई धान की खरीद 2009 से 14 यूपीए की सरकार में 2 लाख करोड़ों रुपए की गई। वहीं 2014 से 19 मोदी सरकार में 5 लाख करोड़ रुपए की गई। यानी हर हाल में किसानों को मोदी सरकार में फायदा हुआ है। विपक्षियों द्वारा झूठे आंसू बहाने से या सड़कें रोकने से विपक्षी पार्टियां किसान हितेषी नहीं हो सकती।
2009 से साल 2014 यूपीए की सरकार में 645 करोड़ों की दाल खरीद की गई जो 2014 से 2019 मोदी सरकार में 50000 करोड़ रुपए की दालों की खरीद की गई। 2009 से 2014 तक यूपीए की सरकार में 3 .74 लाख करोड़ रुपए का एमएसपी का भुगतान किया गया जो मोदी सरकार 2014 से 19 ₹8 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को किया गया। 2009 से 2014 यूपीए की सरकार में 1.5 लाख मैट्रिक टन दालों की खरीद की गई वही मोदी सरकार में 2014 से 19 में 1.12 लाख मैट्रिक टन तक खरीदी गई। उनकी नीयत ही नहीं थी कि किसान की जेब में पैसे जाएं। 2009 से 2014 यूपीए सरकार में 17 लाख मैट्रिक टन धान की खरीद की गई जो मोदी सरकार में 30.72 लाख मैट्रिक टन धान की खरीद की गई। पहले धान की कीमत 3850 थी जो बढ़ाकर 5100 रुपए हुई, चना 3100 जो 5100, मूंग 4530 से 7196 हुई।
मोदी सरकार में किसानों की भलाई
उन्होंने कहा वास्तविक किसानों के लिए मोदी सरकार के दरवाजे बातचीत के लिए हमेशा खुले हैं, लेकिन यह किसान आंदोलन देश विरोधी लोगों के हाथों में चला गया है। किसानों की समस्या का हल हो इससे उनको कोई लेना देना नहीं, वह अपनी राजनीतिक रोटियां इस आंदोलन के माध्यम से सेंकना चाहते हैं। विपक्षी पार्टियां किसानों की आड़ में देश को हिंसा और अराजकता में झोंकना चाहतीं हैं। किसान सम्मेलन में आगरा के सांसद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, एत्मादपुर के विधायक राम प्रताप सिंह चौहान, किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष चौधरी रामवीर सिंह आदि ने किसान सम्मेलन को संबोधित किया। किसान सम्मेलन के संयोजक जिला अध्यक्ष गिर्राज सिंह कुशवाहा ने सम्मेलन की अध्यक्षता की।
संचालन ब्रज क्षेत्र के महामंत्री नागेंद्र सिकरवार ने किया।
किसान सम्मेलन में आगरा के सांसद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, फिरोजाबाद के सांसद डॉक्टर चंद्रपाल सिंह यादव, प्रदेश मंत्री विजय शिवहरे, विधायक रानी पक्षालिका सिंह, महेश गोयल, पुरुषोत्तम खंडेलवाल, जितेंद्र वर्मा, हेमलता दिवाकर, राम प्रताप सिंह चौहान, टूंडला के विधायक प्रेमपाल सिंह, मथुरा बल्देव के विधायक पूरन प्रकाश, बृजक्षेत्र संयोजक किसान सम्मेलन अनिल चौधरी, जिला अध्यक्ष मैनपुरी प्रदीप चौहान, महानगर अध्यक्ष मथुरा विनोद अग्रवाल, महानगर अध्यक्ष आगरा भानु महाजन, जिला उपाध्यक्ष रामकुमार शर्मा, शिवकुमार प्रमुख, उमाशंकर माहौल, सोनू चौधरी, मेघराज सोलंकी, जिला महामंत्री संतोष कटारा, संजय चौहान, जिला उपाध्यक्ष सत्य प्रकाश लोधी, जिला मंत्री सहदेव शर्मा, हीरा सिंह, मानवेंद्र सिंह, ब्रज क्षेत्र के कोषाध्यक्ष वीरेंद्र अग्रवाल, प्रदीप भाटी, बृजक्षेत्र मीडिया प्रभारी नवल तिवारी, मथुरा एसके शर्मा, राजू यादव, किसान मोर्चा के देवेंद्र कटारा, कीर्ति प्रधान, रश्मि सिंह, जेडी शर्मा, राजकुमार गुप्ता, प्रशांत पूनिया, सत्यदेव दुबे, दीपिका लाल, जिला मीडिया प्रभारी राजकुमार पथिक, सत्येंद्र त्यागी, राजेंद्र सिंह, पंकज शर्मा, अशोक लवानिया, दिगंबर सिंह ढाकरे, पंकज कटारा, राजेश सिंह टाटा, देवेंद्र चौधरी, शिशुपाल सिंह आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।