
कोच्चि।केरल के कोच्चि के मुनामबाम बंदरगाह पर इस साल जनवरी में एक बच्चे का जूता और महिला की नीली चप्पल समुद्र के पानी में मिली थी। अगले कुछ दिनों में कपड़े, बैग और खाने के पैकेट विभिन्न जगहों पर समुद्र की सतह पर तैरते मिले थे। इन सामानों को एर्नाकुलम के उत्तरी तट पर आश्चर्यजनक तरीके से फेंका गया था। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि महिलाओं, बच्चों और पुरुषों को तस्करी के जरिए विदेश भेजने का खेल चल रहा था। इस रैकिट का शिकार 243 लोग हो गए।
243 लोगों का पांच महीने बाद भी कोई सुराग नहीं
केरल से रवाना होने के 5 महीने बाद भी 243 लोगों से भरी नौका का कोई पता नहीं चल रहा है। इस नौका में श्रीलंका के तमिल भी थे जो बेहतर जीवन के लिए एक अनजान विदेशी धरती के लिए रवाना हुए थे। ये लोग धाया माथा-2 नाव में ऐसे भरे हुए थे, जैसे मछलियां रखी जाती हैं। ऐसा लग रहा है कि जैसे यह नाव समुद्र में ही कहीं गुम हो गई। विदेश मंत्रालय को कुछ नहीं पता है, केरल पुलिस और नेवी को भी कोई जानकारी नहीं है।
तस्करी गिरोह के सरगना श्रीकांतन और सेल्वननहीं पुलिस की गिरफ्त से दूर
इन लोगों के परिवार वाले परेशान हैं और उन्हें कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है। इस पूरे मामले की जांच के लिए बनाए गए विशेष जांच दल के अधिकारियों ने बताया कि नौका पर सवार लोग ऐसी जगह चले गए हैं, जहां से वापसी के चांस बहुत कम है। मुख्य जांच अधिकारी एएसपी एमजे सोजन ने कहा, ‘लोगों ने 12 जनवरी एक आदमी की यात्रा के लिए तीन लाख रुपये दिया था। हम नहीं जानते हैं कि वे लोग कहां गए हैं। हमने 10 लोगों को अरेस्ट किया है लेकिन अभी भी इस तस्करी गिरोह के सरगना श्रीकांतन और सेल्वन पुलिस की गिरफ्त से दूर है। यह संभव है कि वे लोग भी नाव में रह गए।’
मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखने का कोई फायदा नहीं हुआ
नाव में सवार कई श्रीलंका के तमिल अशिक्षित, बेरोजगार थे और दिल्ली में इधर, उधर काम करते थे। उन्हें विदेश में अच्छे जीवन का सपना दिखाया गया। इन लोगों के परिवार वालों के लिए इंतजार बेहद दुखदायी हो गया है। अभी कई लोग इस आशा में जी रहे हैं कि उनके पास फोन आएगा और यात्रा पर गए लोग उनसे यह कहेंगे कि हम सुरक्षित हैं। ये परिवार वाले अब तक केंद्रीय गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मानवाधिकार आयोग को पत्र लिख चुके हैं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है।
इंटरपोल ने भी ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया
नाव में लापता लोगों में कई ऐसे हैं जिन्होंने लोन लेकर या फिर गहने बेचकर तस्कर को 3 लाख रुपये दिया था। जांच अधिकारी एमजे सोजन कहते हैं कि पुलिस के लिए अब यह असंभव है कि वह धाया माथा-2 को खोज पाए। उन्होंने कहा, ‘मुनामबाम छोड़ने के कुछ घंटे बाद ही नौका हमारे क्षेत्राधिकार से बाहर चली गई। जिन देशों में इनके जाने की संभावना थी, उन सभी को अलर्ट किया गया है। इंटरपोल ने भी ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है।’ उन्होंने बताया कि अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है। जांच अभी जारी है और मुख्य आरोपी तथा पीड़ित लापता हैं।