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चमगादड़ की 1500 से अधिक होती हैं प्रजातियां, हैरान कर सकते हैं ये रहस्य…

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नई दिल्‍ली। चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस के बाद सारी दुनिया चमगादड़ के नाम से भी डरने लगी है। अब लोग चमगादड़ को इंसानों का सबसे बड़ा दुश्मन मानने लगे हैं और ऐसा माना जाता है कि इन्हें कोई बीमार नहीं कर सकता। जबकि ये कोरोना जैसे घातक वायरस का पिटारा लेकर उड़ते रहते हैं। वैज्ञानिकों और पर्यावरण से जुड़े लोगों का मानना है कि मौजूदा समय में चमगादड़ों को इंसानों से दूर रख पाना लगभग नामुमकिन हो चुका है। जंगलों के कटने की वजह से उन्हें गांवों में खेतों में शरण लेनी पड़ रही है तो वहीं शहरों में बने पार्क उनका नया ठिकाना बन गए हैं। चमगादड़ अपने शरीर में जन्म से ही वायरस लेकर उड़ते रहते हैं। इससे उन्हें कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन जब भी उनके वायरस का संक्रमण उनके जरिए किसी दूसरे जानवर में फैलता है तो वो किसी ना किसी रूप में इंसानों तक आसानी से पहुंच ही जाता है।

आपको बता दें कि दुनियाभर में चमगादड़ की करीब डेढ़ हज़ार प्रजातियां हैं। इसलिए इसमें कोई शक नहीं कि खतरा इंसानों के बहुत करीब है। तभी तो विज्ञान और वायरस के बीच संघर्ष जारी है। अब कोरोना वायरस के सामने आने के बाद पूरी दुनिया चमगादड़ के नाम से भी डरने लगी है। अब इसे इंसानों का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाने लगा है और ऐसा माना जाता है कि इन्हें कोई बीमार नहीं कर सकता, जबकि ये खुद कोरोना जैसे घातक वायरस का पूरा पिटारा लेकर उड़ते हैं।

आप भी जानिए, चमगादड़ से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें

  • विश्व में चमगादड़ की चौदह सौ से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं।
  • ये रेगिस्तान और भीषण बर्फीले क्षेत्रों के अलावा दुनिया में हर जगह पाए जाते हैं।
  • ये भी दिलचस्प है कि चमगादड़ की हर प्रजाति का साइज और वजन अलग-अलग होता है।
  • कुछ चमगादड़ वजन में 10 रुपये के सिक्के से भी हल्के होते हैं।
  • हैरान करने वाली बात यह भी है कि कुछ चमगादड़ लोमड़ी जितने बड़े और डरावने होते हैं।
  • बड़े चमगादड़ अपने दोनों पंखों को 6 फीट तक फैला सकते हैं।
  • अमेरिका और कनाडा में सबसे अधिक करीब 45 तरह के चमगादड़ पाए जाते हैं।

खाने की तलाश में किया करते हैं सफर

  • ये सर्दियों के मौसम में ठंडे इलाकों को छोड़कर गर्म इलाकों में चले जाते हैं।
  • कुछ चमगादड़ बर्फ़ीले भालुओं की तरह महीनों गुफा में रहते हैं।
  • चमगादड़ शिकारी स्वभाव और जन्मजात परजीवी यानी खाने के लिए दूसरे जीवों पर निर्भर रहने वाले होते हैं।
  • चमगादड़ों से बीमारी फैलने का खतरा सबसे अधिक होता है।
  • आपको जानकर हैरानी होगी कि चमगादड़ों के सबसे बड़े दुश्मन उल्लू, बाज और सांप होते हैं।

खास तरह की बीमारी से होता है सबसे बड़ा खतरा

  • इन चमगादड़ों की नाक और पंख पर एक सफेद रंग का फंगस लग जाता है।
  • दुनिया में करीब 70 लाख चमगादड़ सफेद फंगस वाली बीमारी से मारे जा चुके हैं।
  • चमगादड़ों की इस रहस्यमयी बीमारी को ‘व्हाइट नोज फंगस’ कहते हैं।
  • डॉक्टर्स कहते है कि चमगादड़ों की मौजूदगी वाली जगह से लौटकर नहाना जरूर चाहिए।
  • चमगादड़ जहां रहते हैं, वहां आसपास संक्रमण का खतरा काफी अधिक रहता है।

फसलों के मित्र होते हैं चमगादड़

  • चमगादड़ हमारे लिए केला, आम और कोको की फसल को कीड़ों से बचाते हैं।
  • हैरान करने वाला सच है कि 300 किस्म के फल अच्छी पैदावर के लिए चमगादड़ों पर ही निर्भर हैं।
  • चमगादड़ अपनी 3 इंच लंबी जीभ से फलों पर लगे कीड़े आसानी से खा लेते हैं।

यह भी जानिए

  • दुनिया के करीब 80 फीसदी जानवर रात में ही पेट भरते हैं, इसलिए रात में घूमने वाले कीड़े और छोटे जीवों को चमगादड़ से बहुत खतरा रहता है।
  • चमगादड़ पूरी रात घूम-घूमकर शिकार करते रहते हैं। एक चमगादड़ अपने वजन के बराबर या उससे अधिक कीड़े खा लेता है।
  • एक तरह से चमगादड़ पूरी रात खाने का जश्न मनाते हैं।
  • नदी और तालाबों के किनारे रहने वाले चमगादड़ अधिक खाते हैं।
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