

नई दिल्ली। सोसल मीडिया कि आज़ादी की आखिर हद क्या है? दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार व अन्य एजेंसियों को नोटिस जारी करके सर्विलांस सिस्टम पर जवाब मांगा है। दरअसल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करके निजता के अधिकार के उल्लंघन का हवाला देते हुए सर्विलांस सिस्टम पर रोक लगाने की मांग की गई थी। बता दें कि केंद्र सरकार सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग सिस्टम, नेटवर्क ट्रैफिक अनालिसिस,नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड के जरिए लोगों के आंकड़े इकट्ठा करती है जिससे कि लोगों के फोन कॉल, ईमेल, सोसल मीडिया पर नजर रखी जा सके। इसी प्रणाली को हाई कोर्ट में निजता का हनन का हवाला देते हुए चुनौती दी गई है।
जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस प्रतीक जालान की बेंच ने गृहमंत्रालय, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, कानून मंत्रालय को नोटिस भेजा है और इस पूरे मसले पर उनका रुख क्या है, यह बताने को कहा है। बता दें कि इस मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी 2021 को होगी। गौरतलब है कि यह याचिका सेंटर फॉर पब्लिक इंटेरेस्ट लिटिगेशन द्वारा दायर की गई है, जिसमे दावा किया गया है कि इस तरह की निगरानी से केंद्र व राज्य की एजेंसियों को लोगों के फोन कॉल पर निगरानी रख सकती हैं जोकि निजता के मौलिक अधिकार का हनन है। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने दायर किया है। केंद्र से इस वावत जवाब मांगा गया ताकि सोसल मीडिया की हद तय की जा सके।