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नए नौसेना प्रमुख ने वरिष्ठ अधिकारियों के स्वागत पर होने वाली फिजूलखर्ची पर लगाई रोक

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नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के नए नेवी चीफ विभाग में अनुशासन और सादगी के लिए भी खासे चर्चित हैं। ऐडमिरल करमबीर सिंह फोर्स में वीआईपी कल्चर खत्म करने और अतिरिक्त खर्चों पर लगाम लगाने के लिए कई कदम उठा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने चार्ज संभालने के कुछ ही दिनों में कई महत्वपूर्ण निदेश भी जारी किए हैं।

अधिकारियों के आगमन पर फूल-माला की परंपरा को किया खत्म
वरिष्ठ अधिकारियों के लोकेशन विजिट के दौरान किए जाने वाले दिखावे और अतिरिक्त प्रयासों को खत्म करने का निर्देश ऐडमिरल सिंह ने दिया है। इसका अर्थ है कि अधिकारियों के आगमन पर फूल-माला, गुलदस्ते जैसे इंतजाम की परंपरा को खत्म किया जाएगा। ऐडमिरल सिंह ने सभी वरिष्ठों को मौजूदा हालात में सामान्य स्वागत के तरीकों को बढ़ावा देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही हाई प्रोफाइल अतिथियों के स्वागत के लिए नौसेना अधिकारियों के परिवारों के शामिल होने की परंपरा को भी बंद करने का उन्होंने निर्देश दिया। उन्होंने इस मौके पर अलग-अलग बुके दिए जाने को भी रोकने का आदेश दिया है।

ब्रिटिश परंपराओं को खत्म करने की पहल
वरिष्ठों के आगमन पर नाविकों या जूनियर रैंक अधिकारियों के दरवाजा खोलने की ब्रिटिश काल से चली आ रही परंपरा को भी बंद करने का उन्होंने निर्देश दिया है। ऐडमिरल इन पुरानी औपनिवेशिक परंपराओं को बंद करने के पक्ष में हैं। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को जूनियर्स को अनुशासन और सादगी के लिए प्रेरित करने की नसीहत दी है। वॉरशिप पर होने वाले आयोजनों में लाल कालीन बिछाने और फूलों को बिछाने के चलन को भी गैर-जरूरी मानते हुए इसे खत्म करने का निर्देश दिया है।

फोर्स में धार्मिक संकेतों वाली परंपराओं को खत्म करने के पक्ष में
ऐडमिरल सिंह नौसेना की कार्यशैली को भी प्रफेशनल और पूरे शिष्टाचार के दायरे में रखने के पक्ष में है। उनका कहना है कि जब आधिकारिक कार्यक्रमों में खास तौर पर लोअर रैंक के अधिकारियों को हर सलाह या सुझाव पर ताली बजाकर अभिवादन करने की जरूरत नहीं है। फोर्स में धार्मिक संकेतों वाली परंपराओं जैसे दीप प्रज्वलन आदि को खत्म करने के पक्ष में ऐडमिरल हैं।

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