

नई दिल्ली। ईडी ने पीएफआई के खिलाफ छापेमारी करते हुए बड़ी कार्यवाही की है, जिसकी बजह से पीएफआई के चेयरमैन ओएए सलाम काफी परेशान हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने 2 दिसंबर, 2020 को घन शोधन मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के देशभर में 26 ठिकानों पर छापेमारी की है। इनमें दिल्ली और केरल सहित आठ राज्यों में स्थित पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। ईडी ने अभी इस बात की जानकारी नहीं दी है कि छापेमारी में किस तरह की बरामदगी हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केरल में पीएफआई के अध्यक्ष ओएमअब्दुल सलाम, तमिलनाडु के पांच स्थानों पर छापेमारी की है।
ईडी की टीम ने तमिलनाडु के जिन पांच स्थानों पर कार्रवाई की है उनमें मदुरै, तेनकाशी और चेन्नई की तीन जगहें शामिल हैं। इसके अलावा ईडी ने राजधानी दिल्ली और केरल में पीएफआई के अधिकारियों के आवास पर छापेमारी की है। इस बीच ईडी कार्रवाई पर पीएफआई की तरफ से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने छापेमारी की कड़ी निंदा की है। पीएफआई ने इसे केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ की जा रही आलोचना के बाद बदले की कार्रवाई बताया है।
पीएफआई के चेयरमैन ओएए सलाम ने इस संबंध में एक ट्वीट कर ईडी की कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने लिखा, ‘किसान के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ईडी ने पीएफआई नेताओं के घर छापेमारी की है। इस कृत्य से बीजेपी प्रशासन अपनी असफलताओं को छिपाने का प्रयास कर रही है। संस्थाओं का राजनीतिक फायदे के लिए कैसे उपयोग किया जाता है, यह उसका सटीक उदाहरण है। इस तरह की कार्रवाई हमारे न्याय ने लिए उठती आवाज को नहीं दबा सकती और ना ही अधिकारों के लिए लोकतांत्रिक लड़ाई को कमजोर कर सकती हैं।’ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ईडी मलप्पुरम और तिरुवनंतपुरम जिलों पीएफआई अधिकारियों के घर पर तलाशी ले रही है। यह कार्रवाई शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत की गई है। पीएफआई के चेयरमैन ओएए सलाम ईडी की कार्यवाही को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं पीएफआई का कहना है कि कार्यवाही नियमानुसार कि जा रही है।