Home International पीएम के दौरे के बाद मालदीव से आई ‘गुड न्यूज़’

पीएम के दौरे के बाद मालदीव से आई ‘गुड न्यूज़’

131
0

इंटरनेशनल डेस्क। चीन और मालदीव के बीच हिन्द महासागर में वेधशाला बनाए जाने का समझौता टूट सकता है। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के नेतृत्व में मालदीव की चीन से नजदीकियां बढ़ीं थीं, उसी दौरान चीन द्वारा वेधशाला बनाए जाने की संभावना व समझौता होने की बात सामने आई थी। हालांकि सत्ता बदलने और राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह के पद ग्रहण करने के बाद यह रिश्ता फिर से खटास में आ गया है, क्योंकि मालदीव अब फिर से भारत के साथ रिश्ते मजबूत करता दिख रहा है।

सूत्रों के मुताबिक़ साल 2017 में यामीन ने चीन के साथ ‘प्रोटोकॉल ऑन इस्टेब्लिशमेंट ऑफ जॉइंट ओसन ऑब्जर्वेशन स्टेशन बिटवीन चाइना ऐंड मालदीव्स’ नाम का समझौता किया था। यह समझौता चीन को उत्तर में मालदीव के मकुनुधू में एक वेधशाला बनाने की अनुमति देने के लिए था। इसके कारण भारत की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई थी, हालांकि अब इस समझौते पर चर्चा रुक चुकी है।

अगर यह समझौता होता तो चीनियों को हिंद महासागर के महत्वपूर्ण रास्ते पर अहम अड्डा मिल जाता जिसके जरिए कई व्यापारिक और दूसरे जहाजों की आवाजाही होती है। यह भारत की समुद्री सीमा से बहुत करीब होगा और मालदीव के साथ संबंधों के मद्देनजर यह बहुत चुनौतीपूर्ण साबित होता।

इस समझौते को लेकर यामीन सरकार ने कभी पुष्टि नहीं की, हालांकि चीन ने स्थिति साफ करते हुए कहा था कि वेधशाला का उपयोग सैन्य उद्देश्यों के लिए नहीं हैं। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मालदीव यात्रा के दौरान कहा था कि भारत की विकासात्मक साझेदारी दूसरों को सशक्त बनाने के लिए थी, न कि उनकी भारत पर निर्भरता बढ़ाने और कमजोर करने के लिए, यह कहते हुए उन्होंने चीन पर निशाना साधा था। मालदीव में पीएम को देश के सबसे बड़े सम्मान ‘निशान इज्जुद्दीन’ से भी सम्मानित किया गया था।

Previous articleमहीने में एक बार पेडिक्योर से होते है कई फायदे
Next articleआज होगा ICAR AIEEA का ऐडमिट कार्ड जारी