Home Agra News फर्जी एनकाउंटर मामले में यूपी दूसरे नंबर पर

फर्जी एनकाउंटर मामले में यूपी दूसरे नंबर पर

1029
0

हैदराबाद। जनवरी 2015 से मार्च 2019 के बीच आयोग की तरफ से जारी इस आंकड़े में देशभर से कुल 211 फर्जी मुठभेड़ के मामले दर्ज हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के एक आंकड़े के मुताबिक फर्जी एनकाउंटर्स के मामले में उत्तर-प्रदेश पूरे देश में दूसरे स्थान पर है। एक आरटीआई के जवाब में विभाग की तरफ से यह चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। ओडिशा इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर है।

आयोग ने आरटीआई को दिए आंकड़े
आरटीआई के जवाब में मानवाधिकार आयोग ने जो आंकड़े दिए हैं, उसमें सबसे अधिक 57 फर्जी मुठभेड़ के मामले आंध्र प्रदेश से हैं। इसके बाद यूपी से 39 और ओडिशा से 22 ऐसे मामले दर्ज हुए हैं। इसके अलावा झारखंड में 13 और छत्तीसगढ़ में 10 फर्जी एनकाउंटर के मामले हैं।

211 मामलों में अभी 99 मामले लंबित
आगरा के आरटीआई कार्यकर्ता नरेश पारस ने मानवाधिकार आयोग से यह जवाब मांगा था। पारस कहते हैं, ‘आयोग ने जवाब में कहा है कि 211 मामलों में अभी 99 मामले लंबित हैं। 25 मामलों में आयोग ने पीड़ितों को मुआवजा देने का निर्देश दिया है। हालांकि इसमें यह भी देखने योग्य बात है कि कई मामले तो जानकारी के अभाव में आयोग तक पहुंचते ही नहीं हैं। ऐसे में फर्जी एनकाउंटर के वास्तविक आंकड़े कहीं और अधिक हो सकते हैं।’ इसके तर्क में पारस कहते हैं, जैसे कि पिछले चार साल में जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल से सिर्फ 1-1 फर्जी एनकाउंटर के मामले में मानवाधिकार आयोग तक पहुंचे हैं।

दो मामलों में 21 लाख मुआवजे का निर्देश
मणिपुर में कथित मुठभेड़ के 13 मामलों में आयोग 85 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दे चुका है। इसी तरह से यूपी के चार मामलों में 30 लाख और ओडिशा के दो मामलों में 21 लाख मुआवजे का निर्देश दिया गया है। छत्तीसगढ़ में दो मामलों में 20 लाख, पश्चिम बंगाल में एक मामले में 5।5 लाख और बिहार, मेघालय और हरियाणा में एक-एक फर्जी मुठभेड़ के मामले में 5 लाख रुपये मुआवजे का निर्देश है।

Previous articleडॉक्टरों ने ममता से मिलने का प्रस्ताव ठुकराया, कहा खुद आकर सुने समस्याएं
Next articleआतंकवाद निरोधक ज़ार की शिंजियांग यात्रा से अमेरिका नाखुश