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ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हुआ भारत का हर तीसरा व्यक्ति

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हेल्थ डेस्क। आज के टाइम में बदलती लाइफस्टाइल, खानपान का गलत तरीका और सेहत के प्रति ध्यान न देना शरीर के साथ-साथ हमारे दिमाग के लिए भी खतरनाक है। ताजा आंकड़े जो सामने आए हैं वो बताते हैं कि हर 1 मिनट में 3 भारतीय यानी हर 20 सेकंड में 1 भारतीय ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हो रहे हैं और यह आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है।

इस साल 15 लाख भारतीय ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हुए

इस दर से हर साल 15 लाख भारतीय ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हो रहे हैं और इनमें से 90 फीसदी मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते। 55 साल की उम्र के बाद हर 6 में से 1 पुरुष और हर 5 में से 1 महिला को ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के सीनियर कंस्लटेंट न्यूरोसर्जन डॉ अनिल पी कापुर्कर ने कहा, ‘ब्रेन स्ट्रोक में या तो आपकी मौत हो सकती है, या फिर आप रिकवर होकर सामान्य जीवन जी सकते हैं या फिर जीवन भर के लिए दूसरों पर निर्भर हो सकते हैं।’

डॉ कापुर्कर का कहना

डॉ कापुर्कर की मानें तो हार्ट अटैक के लक्षणों की तरह ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण नहीं होते बल्कि यह आपके ब्रेन के किस हिस्से को प्रभावित कर रहा है लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं। डॉ कापुर्कर आगे कहते हैं, स्ट्रोक, शरीर के किसी बॉडी फंक्शन का अचानक काम करना बंद कर देने से जुड़ा है। ऐसे में सबसे आसान और जरूरी नियम यही है कि आप त्वरिक कार्रवाई करें-बॉडी बैलेंस, आईज, फेज, हाथ, बोलने का तरीका इन सबको लेकर।

ब्रेन स्ट्रोक के “symptoms”

अगर किसी व्यक्ति को खुद को बैलेंस करके खड़े होने में दिक्कत हो, बोलते-बोलते अचानक आवाज बंद हो जाए, आंखों से अचानक दिखना बंद हो जाए, अचानक सिर घूमने लगे या चक्कर आए, हाथ से चीजें अपने आप छूटने लगे तो ऐसे व्यक्ति को तुरंत अस्पताल में ऐडमिट करवाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रेन स्ट्रोक का इलाज शुरू करने के लिए सीटी स्कैन या एमआरआई स्कैन कर वाना बेहद जरूरी है।

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