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मालेगांव ब्लास्ट मामले के चार आरोपियों को मिली जमानत

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मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2006 के मालेगांव ब्लास्ट मामले के चार आरोपियों को शुक्रवार को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति आईए महंती और न्यायमूर्ति ए एम बदर की एक खंडपीठ द्वारा धन सिंह, लोकेश शर्मा, मनोहर नरवारिया और राजेन्द्र चौधरी को जमानत दी गयी है।

पीठ ने कहा कि जमानत याचिकाएं मंजूर की गयी हैं। याचिकाकर्ताओं से 50,000 रुपये नगद जमानत जमा करने को भी कहा गया है। सुनवाई के दौरान उन्हें हर दिन विशेष अदालत में पेश होना होगा और वे सबूतों से छेड़छाड़ या चश्मदीदों से कोई सम्पर्क ना करें।

इन आरोपियों की गिरफ्तारी 2013 में की गई थी। तब से ये जेल में बंद हैं। आरोपियों ने विशेष अदालत में जमानत याचिका दायर की थी लेकिन जून 2016 में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। विशेष अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद आरोपियों ने हाई कोर्ट में आवेदन किया था।

नासिक के नजदीक मालेगांव में हमीदिया मस्जिद के पास स्थित कब्रिस्तान के बाहर 8 सितम्बर 2006 को सिलसिलेवार धमाके हुए थे। इसमें 37 लोगों की जान चली गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने शुरुआती जांच में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को गिरफ्तार किया था।

इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई और उसने भी इस आधार पर ही जांच की। बाद में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जांच को अपने हाथ में लिया और वह इस नतीजे पर पहुंचा की हमलों को बहुसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने अंजाम दिया था।

एनआईए ने नौ लोगों के खिलाफ आरोप वापस लेने का फैसला किया और सिंह, शर्मा, नवरिया और चौधरी के खिलाफ मामला दर्ज किया। विशेष सनुवाई अदालत ने 2016 एनआईए के इस रुख को स्वीकार करते हुए नौ आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया।

इन चारों आरोपियों ने जमानत की मांग करते हुए इन नौ लोगों को रिहा किए जाने के फैसले को भी चुनौती दी थी। उन्होंने उन्हें आरोपमुक्त करने से इनकार करने के विशेष अदालत के फैसले को भी चुनौती दी है। हाई कोर्ट इस पर बाद में सुनवाई करेगा।

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