
नई दिल्ली। मतगणना के रुझानों में बीजेपी अपने दम पर प्रचंड बहुमत की तरफ बढ़ रही है। इससे नरेंद्र मोदी सरकार की वापसी तय है। अपने पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई योजनाओं की घोषणा की थी। इन योजनाओं का पार्टी को उम्मीदों के अनुरूप फायदा मिलता दिख रहा है। आइए, एक नजर डालते हैं उन योजनाओं पर जिसने मोदी को दोबारा सत्ता में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है।
5 लाख रुपये तक आयकर छूट
इस साल अंतरिम बजट में मध्यम आय वाले लोगों को राहत प्रदान करने के लिए मोदी सरकार ने पांच लाख रुपये तक के टैक्सेबल आय को आयकर से मुक्त कर दिया। इसका फायदा भी लोकसभा चुनाव में देखने को मिला है। दरअसल, मध्यम आय वाले लोगों की भारी तादाद है, जिन्होंने शायद कमल का बटन दबाने में काफी उत्साह जताया है।
मुद्रा योजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस योजना के अंतर्गत अपना बिजनस शुरू करने की चाहत रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को 10 लाख रुपये तक के लोन की व्यवस्था की गई। हालांकि, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में मिलने वाले लोन के लिए ब्याज की कोई निश्चित दर नहीं है, इसलिए बैंक इस योजना में मिलने वाले कर्ज पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मानकों के आधार अलग-अलग दर से ब्याज ले सकते हैं। इस योजना में मिलने वाली निधि का लोगों ने भारी फायदा उठाया है और अपना बिजनस स्थापित किया है।
सुकन्या समृद्धि योजना
बच्चियों की शिक्षा और उनकी शादी के लिए बचत के लिहाज से सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की गई है। केंद्र सरकार ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ स्कीम के तहत सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) को गर्ल चाइल्ड के लिए एक छोटी बचत योजना के तौर पर लॉन्च किया है। इस योजना की खास बात यह है कि इसमें 8 प्रतिशत से अधिक की दर से ब्याज मिलता है।
आयुष्मान भारत
25 सितंबर 2018 से शुरू हुई प्रधानमंत्री जन औषधि योजना (PMJYM) या आयुष्मान भारत योजना (ABY) के तहत देश के 10 करोड़ से अधिक परिवारों के लगभग 50 करोड़ लोगों को सालाना 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करा रही है। इसमें इलाज के कुल 1,354 पैकेज हैं, जिसमें कैंसर सर्जरी और कीमोथेरपी, रेडिएशन थेरपी, हार्ट बाइपास सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, रीढ़ की सर्जरी, दांतों की सर्जरी, आंखों की सर्जरी और एमआरआई और सीटी स्कैन जैसे जांच शामिल हैं।
इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है। आप पात्र हैं तो आपको बस अपनी पहचान स्थापित करनी होगी, जिसे आप आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र या राशन कार्ड जैसे पहचान पत्रों से स्थापित कर सकते हैं। इस योजना का लाखों जरूरतमंद लोगों ने फायदा उठाया है। ऐसे में लोग इस योजना को लाने वाली पार्टी बीजेपी को वोट करने से कैसे गुरेज कर सकेंगे।
उज्ज्वला योजना
सरकार ने सभी गरीब परिवारों को नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराने के लिए उज्ज्वला योजना को 2016 में शुरू किया गया। इसके तहत मुख्यत: गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की महिलाओं को नि:शुल्क रसोई गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना में केंद्र सरकारी तेल कंपनियों को प्रति कनेक्शन 1,600 रूपये की सब्सिडी देती है।
यह सब्सिडी सिलेंडर की जमानत और फिटिंग शुल्क के लिए होती है। ग्राहकों को चूल्हा खुद खरीदना होता है। उनपर वित्तीय बोझ कम करने के लिए सरकार चूल्हे और पहले भरे हुए सिलेंडर की कीमत मासिक किस्तों में भरने की छूट देती है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह योजना सुपरहिट हुई और खासकर महिलाओं ने इसकी बड़ी प्रशंसा की है। अब प्रशंसा का मोदी को वोट में बदलना स्वाभाविक है।
किसानों के खाते में पहुंचे पैसे
इस साल के अंतरिम बजट में छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने खाते में हर साल 6 हजाए रुपये देने का ऐलान किया था। तीन राज्यों की विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद मोदी सरकार का किसानों को रिझाने के लिए आम चुनाव से पहले का मास्टर स्ट्रोक था।
योजना के तहत, सरकार ने इनकम सपोर्ट प्रोग्राम के तहत किसानों को 6 हजार रुपये प्रति वर्ष की दर से मदद राशि देने का ऐलान कर दिया और वोटिंग से पहले 2-2 हजार रुपये की दो किस्तें किसानों के खातों में पहुंच भी गईं। मतदाताओं में किसानों की भारी तादाद है, इसलिए पिछड़े इलाकों में जहां बीजेपी की पहुंच नहीं थी, वहां उसे बढ़त मिलना इसकी सार्थकता साबित करता है।