
नई दिल्ली। दुनियां भर में कोरोना वायरस को लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं। जहां अधिकांश लोग इसे बुहान के सीफ़ूड मार्केट से फैला वायरस बता रहे हैं तो वहीं ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो इसे चीन का जैविक हथियार करार दे रहे हैं वहीं कुछ की नजर में यह अमेरिका की साजिश है। इन्हीं खबरों के बीच रूस से एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आई है। जिससे अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या रूस को पहले से ही कोरोना संकट की जानकारी थी?
सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों से यह पता चलता है कि रूस ने काफी पहले ही मास्को के बाहर 92 मिलियन पाउंड की लागत से एक अस्पताल का निर्माण शुरू कर दिया था। यानी स्पष्ट है कि रूस को कोरोना संकट की पहले से जानकारी थी तभी तो इतने बड़े पैमाने पर तैयारी संभव है, जब किसी बड़ी अनहोनी की आशंका हो।
आइये रूस की इस तैयारी को सेटेलाइट द्वारा ली गईं तस्वीरों के जरिये समझने का प्रयास करते हैं :

यह तस्वीर पिछले साल 11 नवंबर की है, जिसमें ज़्यादातर खेत ही नजर आ रहे हैं – यानी चीन के वुहान में कोरोना वायरस की शुरुआत से लगभग एक महीने पहले।

अब इस तस्वीर की बात करते हैं जो 28 फरवरी, 2020 यानी तकरीबन तीन महीने बाद ली गई इस तस्वीर में साफ़ नजर आ रहा है कि खेतों को जला दिया गया है और बड़े पैमाने पर वहां इमरजेंसी यार्ड बनाये जा रहे हैं।

तो वहीं 15 मार्च, 2020 को ली गई एक तस्वीर में बड़ी संख्या में क्रेनों को काम करते हुए देखा जा सकता है।

31 मार्च, 2020 को सेटेलाइट द्वारा ली गई इस ज़ूम-इन तस्वीर से पता चलता है कि वहां अस्पताल का काम तेजी से चल रहा है।
पहले अस्पताल के निर्माण के बीच रूस ने कोरोना पीड़ित मरीजों के लिए 500 बेड वाले दूसरे अस्पताल के निर्माण की योजना से पर्दा उठाया है। अब रूस में खासतौर पर कोरोना से मुकाबले के लिए दो अस्पताल होंगे। गौरतलब है कि रूस में COVID -19 पीड़ितों की संख्या 1000 के पार चली गई है। जिसमें सबसे अधिक मामले राजधानी मास्को में देखने को मिले हैं।