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राज्यपाल धनखड़ को एक बार फिर छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा

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कोलकाता । पश्चिम बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़ को एक बार फिर छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा है। मंगलवार सुबह जब वह कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी के कैंपस पहुंचे तो प्रदर्शनकारी छात्रों ने उनके काफिले को रोक लिया। इस दौरान हंगामे की वजह से अफरातफरी का आलम है। गवर्नर का विरोध कर रहे छात्रों ने उन्हें कार से उतरने ही नहीं दिया। मौके पर मौजूद सुरक्षा बलों ने किसी तरह छात्रों को हटाने की कोशिश की। बता दें कि आज ही यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह प्रस्तावित था। इस बीच गवर्नर ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कुलपति पर निशाना साधा है।

राज्यपाल वापस जाओ के नारे लगाते दिखे
गवर्नर का विरोध कर रहे छात्रों ने हाथों में सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) और एनआरसी के विरोध में तख्तियां लिए नारेबाजी की। वे लगातार गवर्नर गो बैक (राज्यपाल वापस जाओ) के नारे लगाते दिखे। इसके साथ ही प्रदर्शनकारी छात्रों ने उन्हें काले झंडे भी दिखाए। इससे पहले सोमवार को भी राज्यपाल जगदीप धनखड़ से जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्रों ने दो बार धक्का-मुक्की करते हुए उन्हें काले झंडे दिखाए थे। इससे एक दिन पहले ही उन्होंने संभावित गड़बड़ी की आशंका के चलते विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 24 दिसंबर को होने वाले विशेष दीक्षांत समारोह को रद्द करने के फैसले को अवैध और अमान्य करार दिया था।

ममता बनर्जी पर वार- कानून व्यवस्था चरमराई
इस बीच राज्यपाल धनखड़ ने अपने साथ हुए बर्ताव की कड़ी आलोचना करते हुए सीएम ममता बनर्जी पर इशारों में वार किया। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘एक चांसलर और गवर्नर के रूप में मेरे लिए यह बहुत दर्दनाक क्षण हैं। हमारे छात्र कन्वोकेशन में अपनी डिग्री पाने का इंतजार कर रहे हैं। उनके कठिन परिश्रम का फल। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने सिस्टम को बंधक बना लिया। यूनिवर्सिटी और राज्य प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है। राज्य में पूरी तरीके से कानून व्यवस्था चरमरा गई है। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि राज्य सरकार ने शिक्षा को अपने कब्जे में ले लिया है। वाइस चांसलर रिमोट कंट्रोल से चलाए जा रहे हैं।’

जादवपुर के कुलपति पर राज्यपाल का निशाना
धनखड़ ने ट्विटर पर लिखा, ‘दर्दनाक हालत है क्योंकि जादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति अपने दायित्वों के बारे में जान-बूझकर अनजान हैं। वह अपनी अनुपस्थिति का बहाना बना रहे हैं। वह कानून के शासन के पतन वाले कैंपस की अध्यक्षता कर रहे हैं। बर्बादी की स्थिति।’

वीसी मूक दर्शक बनकर बैठे हुए हैं: राज्यपाल
राज्यपाल ने आगे लिखा, ‘मुझे हैरानी है कि वाइस चांसलर निष्क्रिय मुद्रा में मूक दर्शक बनकर बैठे हुए हैं। हमारे सिस्टम के नाकाम होने की इस अप्रत्याशित घटना पर वह चुप्पी साधे हैं। यह काम उन ताकतों द्वारा किया गया है, जिन्हें हमारी शिक्षा व्यवस्था पर कम या लंबे समय तक होने वाले नुकसान का अनुमान नहीं है।’

छात्रों ने कल कार घेरकर की थी नारेबाजी
छात्रों ने धमकी दी थी कि धनखड़ अगर मंगलवार को वार्षिक दीक्षांत समारोह में आते हैं तो वे फिर उनका विरोध करेंगे। संस्थान के नियमों के मुताबिक उनकी उपस्थिति जरूरी नहीं है। नागरिकता संशोधन कानून और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी को लेकर राज्यपाल के रुख का विरोध कर रहे छात्रों ने उनकी कार को घेर लिया। उनकी कार दोपहर बाद करीब दो बजे जैसे ही मुख्य द्वार पर पहुंची वैसे छात्रों ने घेराव कर नारेबाजी शुरू कर दी।

यूनिवर्सिटी कोर्ट की बैठक में नहीं शामिल हो सके गवर्नर
राज्यपाल को विश्वविद्यालय की शीर्ष निर्णायक संस्था कोर्ट की बैठक में हिस्सा लेना था। अधिकारियों ने कहा कि बैठक में शामिल हुए बगैर ही करीब दो घंटे बाद धनखड़ जब लौट रहे थे तो उनसे फिर धक्का-मुक्की हुई। वह बड़ी संख्या में छात्रों की मौजूदगी की वजह से बैठक में हिस्सा नहीं ले सकें क्योंकि धनखड़ जिस कमरे में थे उसके सामने स्थित बैठक कक्ष के बीच प्रदर्शनकारी छात्र थे। सीपीएम समर्थित एसएफआई, ऑर्ट्स फैकल्टी स्टूडेंट्स यूनियन (एएफएसयू), एआईएसए और एफईटीएसयू के प्रदर्शन के बीच धनखड़ करीब 30 मिनट तक वहां फंसे रहे।

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